Manu's word
गुरुवार, 14 नवंबर 2019
एक था बचपन
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✍️ एक था #बचपन?? शामें तो बचपन में हुआ करती थी!! एक #अरसा हुआ,अब वो शाम नहीं होती। जिसका #इंतजार रहता था, खेलने के लिए। फिर थोड़ा...
सोमवार, 21 अक्तूबर 2019
गांव में छुट्टियां
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✍️ गांव में छुट्टियां___ अब के बरस दादू के संग छुट्टी सभी बिताना ... भरी दुपहरी चढ़ें नीम पर गांव की सैर कराना... पक्षियों को जब डाल...
रविवार, 6 अक्तूबर 2019
बीमारी और सोच
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✍️ उम्र के हर दौर में बीमारी और सोच ___ हर उम्र के साथ बीमारियां भी अलग अलग तरह की होती हैं। और साथ ही बीमारी को लेकर मतलब, सोच भी बदल...
शनिवार, 21 सितंबर 2019
जीवन......मृत्यु !
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✍️ जीवन ....मृत्यु, एक सच _____ जीवन चलने का नाम, चलते रहो सुबहा शाम। कि रस्ता कट जाएगा मितरां............. जीवन और मृत्यु एक ही सिक्के ...
बुधवार, 11 सितंबर 2019
जिंदगी से जुड़ी छोटी छोटी बातें
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✍️जिंदगी से जुड़ी छोटी छोटी बातें। माता पिता अक्सर बच्चों की प्रशंसा करने में कंजूसी कर जाते हैं, या अनावश्यक प्रशंसा करते हैं, दोनों ही...
मंगलवार, 3 सितंबर 2019
भाषा और संस्कृति
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️ ✍️ #भाषा और संस्कृति_____ भाषा संस्कृति की आत्माभिव्यक्ती का साधन है। मनुष्य की पहचान भी भाषा से ही है। भाषा ही मनुष्य को औरों (...
शनिवार, 24 अगस्त 2019
एक कदम प्रकृति की ओर
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✍️ एक कदम प्रकृति की ओर___ Surrounding yourself with the natural beauty is best for the peace and serenity of mind. प्रकृति में मौज...
सोमवार, 5 अगस्त 2019
मित्रता
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✍️मित्रता! बचपन में गुल्ली डंडे नदी के तीर या मैदान में बुढ़ापे की सांझ ढले लाठी बन साथ खड़े जिस पर हो भरोसा मित्रता! वह खुशनुम...
2 टिप्पणियां:
मां तुम धुरी हो,घर की
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✍️ मां, तुम #धुरी हो #घर की! मुझे आज भी याद है चोट लगने पर मां का हलके से फूंक मारना और कहना, बस अभी ठीक हो जाएगा। सच में वैसा मरहम आज तक...
रविवार, 28 जुलाई 2019
ग्रीन टाइम/स्क्रीन टाइम
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✍️ ग्रीन टाइम/स्क्रीन टाइम #खुशी प्रकृति में चारों ओर बिखरी पड़ी है, बस! समेटना आपको आना चाहिए। प्रातः काल बाग बगीचों की ताजा हवा से ह...
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