नेचुरोपैथी द्वारा नव प्रसूताओं के लिए जानने योग्य कुछ सामान्य बातें __
किसी भी महिला के लिए मां बनना एक जबरदस्त एहसास है आप अपने नन्हे-मुन्ने के स्वास्थ्य की चिंता करती हैं, लेकिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति “स्वयं की" देखभाल करना भूल जाती हैं। हमेशा ध्यान रखें अगर आप स्वस्थ हैं, तो आप अपने बच्चे को भी स्वस्थ रख सकती हैं। प्रसव के बाद का समय नई मां के लिए शारीरिक रूप से थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है। आमतौर पर सभी परिजन गर्भावस्था के दौरान जितना ध्यान रखते हैं, उतना डिलीवरी के पश्चात नहीं रखते हैं। डिलीवरी के बाद व्यवहार, त्वचा और बालों में भी काफी बदलाव आते हैं। नौ महीनों की गर्भावस्था के बाद महिला को एक नई भूमिका “मां" की भूमिका निभानी होती है। उनके लिए बच्चों की देखभाल कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। यह आलेख इसी विषय पर आधारित है।
नव प्रसूताओं के लिए जानने योग्य कुछ और सामान्य बातें जिनको अक्सर नजरंदाज कर दिया जाता है। बच्चे की देखभाल में परिवार का सहयोग आवश्यक है। किसी प्रकार का संकोच न करें। सीढ़ियां चढ़ने, भारी सामान उठाने से बचें, साथ ही खड़ी चढ़ाई वाली जगह पर भी चलने से बचना चाहिए। ऐसा कुछ भी ना खाएं जिससे कब्ज, गैस होती हो। हल्का भोजन लें, गरिष्ठ भोजन करने से बचें। सौंफ, जीरा और अजवाइन से ब्रेस्ट में दूध बढ़ाने में मदद मिलती है। इसलिए इन तीनों चीजों को हल्का भूनकर पाउडर बना लें। इसे गुड़ के साथ मिलाकर/सुबह शाम दूध के साथ/या रोटी में मिलाकर ले सकते हैं। इससे प्राकृतिक तौर से ब्रेस्ट दूध बनने लगेगा।
सिजेरियन के बाद पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है, तथा घाव भरने में भी समय लगता है, इसलिये सुपाच्य भोजन लें। मसालेदार, कब्ज करने वाला भोजन, खांसी करने वाली चीजों से दूरी रखें। सिजेरियन के लगभग डेढ़ महीने बाद तक कार चलाना ठीक नहीं है। ब्रेक आदि लगाने पर यह नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा कोई काम ना करें जिससे आंखों पर दबाव पड़ता हो, तेज रोशनी से बचें। ये तो व्यवहारिक दिनचर्या है, इसके साथ ही कुछ आहार संबंधी जानकारी भी आवश्यक है, जिससे नव प्रसूता शारीरिक मानसिक रुप से स्वस्थ रहे। इसके लिए एक “आहार तालिका" को बना सकते हैं, जिससे रोजाना ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा।
नव प्रसूताओं के लिए आहार सूची ___
नाश्ता 8:00,8:30 __
सूजी की खीर/ दूध दलिया/ दाल दलिया/सैंडविच/ पनीर परांठा/ओट्स /उपमा/ दलिया सब्जी वाला (गाजर घीया आलू टमाटर) हींग जीरे में छौंक कर।
नाश्ते और लंच के मध्य __11:00,11:30
चना कोमरी/फ्रूट/लड्डू/चिक्की
दोपहर भोजन _2:00,2:30
एक कटोरी दाल पालक/चावल/सब्जी (घीया, तोरई, टिंडे, पनीर, मैथी, पालक आलू) चपाती (हींग, अजवायन, मोयन की आटा गलाकर)
शाम__ 4:00,4:30
गर्म दूध /सोया दूध/चाय/ बिस्किट, भुने चने किशमिश गुड़, टोस्ट, चिक्की, लड्डू , मखाने, मुरमुरे।
रात्रि __ 8:00,8:30
चपाती, हरी सब्जी रसेदार, सोते वक्त दूध।
मैथी पत्ते, पालक विटामिन सी आयरन का बढ़िया स्त्रोत है, इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए प्रोटीन के लिए सीमित मात्रा (गैस बने तो न लें) में दालें, राजमा, बींस अति आवश्यक है। खुबानी, गाजर, खजूर अच्छे विकल्प हैं।
नव प्रसूताओं के लिए पौष्टिक नाश्ता #हरीरा __
हरीरा बनाने की सामग्री__ गुड़ 200ग्राम, दो कप पानी, दो बड़े चम्मच घी, एक चम्मच सौंठ, एक चम्मच जीरा पाउडर, आधा चम्मच हल्दी, चौथाई चम्मच पिसी अजवायन, चौथाई चम्मच पिसा जीरा सौंफ, चौथाई चम्मच काली मिर्च, कसा नारियल आधा कप, बादाम/छुआरे/मुनक्का/किशमिश/मखाने कटे हुए आदि ड्राई फ्रूट्स मनपसंद इच्छानुसार। छोटी इलायची पाउडर भी डाल सकते हैं।
स्टेप 1__ एक बर्तन में दो कप पानी डालकर उसमें गुड़ डालकर घुलने तक उबालिए।
स्टेप 2 __ कड़ाही में दो बड़े चम्मच घी डालकर गर्म करिए। सौंफ, जीरा, अजवायन, हल्दी, काली मिर्च पाउडर डालकर मिलाएं। ध्यान रखें जले नहीं।
स्टेप 3 __ अब सारे कटे हुए मेवे, कद्दूकस किया हुआ नारियल डाल कर धीमी आंच पर भून लीजिए।
स्टेप4 __ अब इस भुनी सामग्री में गुड़ के घोल को (छान लें ताकि कोई गंदगी न रहे) डालकर मिलाएं। कुछ देर उबलने दें, उंगली पर चिपका कर देखें, उंगली पर चिपकना चाहिए, ताकि फिर दस पंद्रह दिन तक प्रयोग कर सकते हैं। अन्यथा सामान्य भी उबाल कर ताजा ताजा ले सकते हैं। लीजिए स्वादिष्ट पौष्टिक हरीरा तैयार है। इसमें गौंद को घी में भून, पीसकर भी मिला सकते हैं। उत्तर भारत में नव प्रसूताओं को बुजुर्ग महिलाओं द्वारा यह #हरीरा अवश्य खिलाया जाता है, ताकि जच्चा बच्चा दोनों की सेहत अच्छी रहे। यह गर्म गर्म खाने में बहुत स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होता है।
ध्यान दें __
1_ प्रोटीन से भरपूर नाश्ता आपको हेयर फॉल से बचाएगा, साथ ही मांसपेशियो को मजबूती प्रदान करता है।
2 _ नाश्ते के बाद व लंच से पहले घर पर बने हुए गौंद के लड्डू चिक्की आदि ले सकती हैं। गौंद के लड्डू आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन से भरपूर होते हैं। सर्दियों में तो बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ये जोड़ों व इम्यूनिटी के लिए बहुत अच्छे रहते हैं।
3 _ बथुआ, पालक, सरसों, मैथी आदि हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी और फायबर का अच्छा स्रोत होती हैं, इन्हें भोजन में शामिल करें। इसके अलावा नारियल की चटनी इडली सांभर के साथ ले सकती हैं। इस तरह का आहार, न्यूट्रीशन युक्त होकर आपको एनर्जी से भर देगा।
4 _ मिक्स वेजिटेबल्स या घीया, कद्दू, टमाटर आदि का सूप ले सकते हैं।
5_ तीन बार भारी भोजन करने के बजाय दिनभर थोड़ा-थोड़ा खाएं। कोशिश करें और दिन में कम से कम 5 या 6 छोटे छोटे मील, सुविधानुसार तरीके से भोजन करें।
6_ अपना भोजन हर 2 घंटे पर करें।सुविधाजनक तरीके से नट्स या फल बीच-बीच में ले सकते हैं।
7_ नवजात शिशु के साथ आपको आपकी नींद कभी भी पूरी नहीं हो पाती है, इसलिए जब भी संभव हो आराम करने की कोशिश करें। आपके शरीर की मरम्मत और उपचार में सहायता मिलेगी।
8_ हमेशा घर का बना हुआ एवं ताजा खाना ही खाएं।
9_ रात को दाल खाने से बचें जहां तक हो हरी सब्जियां लें, क्योंकि दाल पचने में थोड़ी भारी होती है।
10_ रात को सोने से पहले दूध में अदरक या सौंठ पाउडर डालकर पीने से मांसपेशियों के दर्द में राहत मिलती है। एक दो खजूर/छुआरा डालकर भी पी सकते हैं।
11_ भोजन को जल्दी-जल्दी गटकने से बचें। चबा चबा कर ही खाएं अन्यथा गैस की समस्या हो सकती है।
12_ ऑपरेशन टांकों की जगह पर डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। घाव वाली जगह को रगड़ कर ना धोएं। हल्के हाथों से गुनगुने पानी, साबुन से साफ करें।
और सबसे मुख्य बात हमेशा #सकारात्मक रहें, बच्चे को फीड कराते हुए शांत चित्त खुश होकर दुग्धपान कराएं। और बच्चे की व स्वयं की मालिश को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। बच्चा और आप दोनों ही स्वस्थ रहेंगे, नींद भी अच्छी आएगी। Enjoy your maternity period 💕
__ मनु वाशिष्ठ