शुक्रवार, 19 मार्च 2021

खुशी की अभिव्यक्ति

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खुशी की अभिव्यक्ति वैयक्तिक है। चाहे हम खुशी में डूबे हों, या दुख के अथाह सागर में डूबे हों, इसकी गहराई को समझना महत्वपूर्ण है। भवानी प्रसाद मिश्र कहते हैं_हंसो तो बच्चों की तरह खिलखिलाकर, रोओ तो तिलमिलाकर, खालिस सुख खालिस दुख। मध्य का कुछ भी, कोई बात नहीं। चयन आपका है दुखों कष्टों को #अवरोध मान लिया जाए, या रास्ते का दिशासूचक!! यह आपकी सोच पर निर्भर करता है कष्टों, दुखों की कसौटी पर स्वयं को घिसकर निखारना चाहते हैं या अवसाद के अंधेरे में डूबे रहना।
सुप्रभात!Have a good day.....

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