शनिवार, 12 अगस्त 2023

प्रकृति और स्त्रियां

✍️एक अच्छी हीलर,

उपचारक होती हैं स्त्रियां 

प्रकृति को रिफ्लेक्ट करती स्त्रियां

स्त्रियां! 🌹
रोप दी जाती हैं धान सी
उखाड़ दी जाती हैं,
खरपतवार सी
पीपल सी कहीं भी उग आती हैं। स्त्रियां!🌹
स्त्रियां!🌹
जीवन दायी अमृता सी,
महके लंबे समय तक,
रजनीगंधा सी
कभी ना हारें,अपराजिता बन छाई हैं।स्त्रियां!🌹
स्त्रियां!🌹
रजनीगन्धा, लिली
जैसे यौवन ने ली अंगड़ाई है
सप्तपर्णी के फूलों से,  मानो
प्रेम माधुर्य की खुशबू आई हैं।स्त्रियां!🌹
स्त्रियां!🌹
आंसुओं को पी,
बिखेरती खुशबू पारिजात सी
पुनर्नवा सी, दे नवजीवन
ईश्वर की वरदान बन आई हैं।स्त्रियां!🌹
स्त्रियां!🌹
दिल दिमाग की शांति, 
शंखपुष्पी, ब्राह्मी सी
तुलसी सी पावन
आंगन की शोभा बढ़ाती है।स्त्रियां!🌹
स्त्रियां!🌹
सौम्यता मनभावन
चंपा,चमेली,मोगरा,मालती सी
भरदेती सुखसौभाग्य,
अमलतास(स्वर्ण वृक्ष) सी
घर आंगन में मानो,परी सी उतर आई है।स्त्रियां!🌹

__ मनु वाशिष्ठ 

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