शुक्रवार, 14 जून 2019

प्रेम, प्रभु का दिया अनमोल उपहार


✍️प्यार, इश्क, मोहब्बत!
प्रभु का दिया एक अनमोल उपहार___
तेरे पास बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत.........
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत............
छाप, तिलक सब छीनी,
तो से नैना मिलाईके.........
क्या है ये सब? प्यार , इश्क, मोहब्बत या इनसे हटकर बहुत ऊपर। ये सूफियाना अंदाज है, प्रभु से लगन लगने की। अमीर खुसरो की ब्रजभाषा की एक कविता है, जिसमें दिखाया तो लड़की के लिए है लेकिन वास्तविक रूप में प्रभु कृष्ण के लिए है। जिसमें ईश्वर को पति, प्रेमी रूप व स्वयं (आत्मा) को स्त्री रूप में प्रेम को दर्शाया गया है।
हे री, मैं तो प्रेम दीवानी
मेरा दरद ना जाने कोय..............
जहर का प्याला राणाजी भेज्या,
पीवत मीरा हांसी............
भिलनी के बेर, सुदामा के तंदुल
रुचिरुचि भोग लगाए..............
क्या ये सब प्यार, इश्क, मोहब्बत की विभिन्न अवस्थाएं हैं, जिसमें प्रेम रूपी रोग का कोई इलाज नहीं है। प्यार विश्वास को जन्म देता है, तभी तो मीरा को अपने प्रभु पर पूरा भरोसा था। प्रेम, मनुष्य जीवन का आनंद ही नहीं, नैतिक गुण है। ये प्यार ही है, जिसमें भीलनी अपनी सुधबुध खो कर, सारे भेद मिटाकर, अपने प्रभु राम को जूठे बेर खिला रही है। जिसमें प्रभु राम जूठे बेर खा रहे हैं। और सुदामा के बाल सखा श्री कृष्ण, तंदुल खाते हुए भाव विभोर  होकर आंसुओं से सुदामा के पैर पखार रहे हैं। शायद यही प्यार की #इंतहा, अंतिम परिणीती है।
तू तू ना रहे,मैं मैं ना रहूं,
एक दूजे में खो जाएं............
प्यार में स्वयं को भुलाकर, बस हर वक़्त दूसरे का ही ध्यान रहेये प्यार ही है, जो विश्वास को जन्म देता है। प्यार, इश्क, मोहब्बत एक ही भाव के अनेक नाम, रूप के साथ ही इसके आगे भी बहुत कुछ विस्तृत, अकथनीय, अवर्णनीय भाव, जज्बात, कोई दुराव छुपाव नहीं, #निर्मल अहसास है। प्यार में बंधन नहीं, स्वतंत्रता और विश्वास है। प्यार भावनाओं का निचोड़ , समुद्र की गहराई है। प्यार किसी शर्त या कसम का मोहताज नहीं। सही मायनों में प्यार का मतलब अधिकार, लेना नहीं देना होता है।
#प्रेम आसान नहीं है, जो निराशाओं से घिरा होने के बावजूद उम्मीद की एक किरण जगाए बैठा रहता है। #इश्क भी अजीब चीज है, कभी आदमी को कितना #बहादुर बना देती है, कि उसे पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार। तभी तो किसी ने सही कहा है, इश्क एक आग का दरिया है और डूब के जाना है। प्रेम कभी इतना #डरपोक, बुजदिल बना दे, कि उसके बिछुड़ने की सोच मात्र से ही डर लगने लगता है। कभी इतना #दुख देता है, कि आदमी मौत की तमन्ना करने लगता है, और कभी इतनी #खुशियां देता है, कि एक जिंदगी कम लगने लगती है। इश्क ना तो सिखाया जाता है, और ना ही बताया जाता है। ये आंखों का नहीं, दिल का एक #पवित्र, #रूहानी अहसास है। प्यार वह जुड़ाव है, अगर प्रभु से किया जाए तो, इश्क, #ईश्वर प्राप्ति का मार्ग भी बन सकता है, बशर्ते इसमें कोई संदेह, दुराव, छलावा ना हो। प्रेम में #मैं भाव के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रेम दो दिलों का को खूबसूरत अहसास है, जो मैं और तुम के बीच की दूरी को मिटा देता है। मैं (अहम) भाव को मिटाकर ही इसकी अनुभूति होती है। एक ताजगी का अहसास, खूबसूरत सी आस, श्रृद्धा और विश्वास है प्रेम। प्रेम ईश्वर का दिया अनमोल तोहफा है।
प्यार दुनिया के हर रिश्ते में विद्यमान है। भगवान - भक्त, गुरु - शिष्य, मातापिता - संतान, बहन - भाई, पति - पत्नि, मित्रों आदि के प्यार, इश्क, मोहब्ब्त को भला कौन वर्णन कर पाया है। प्यार के बिना जीवन उस वृक्ष की तरह है, जिस पर फल, फूल नहीं लगते। प्यार बिना, जीवन सूखी नदी की तरह है। प्यार एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी हारने नहीं देता।प्यार जीवन जीने का हौसला देती है।
प्रेम गली अति सांकरी, जामें दो न समाहिं।
जब #मैं था तब हरि नहीं,अब #हरि है मैं नाहीं।।

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