शुक्रवार, 5 जुलाई 2019

गुस्से का सार्थक प्रयोग


✍️ गुस्से का सार्थक प्रयोग कीजिए____
#गुस्सा एक #एनर्जी है,बस उसे सकारात्मक तरीके से प्रजेंट करना शुरू कर दीजिए। छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करना छोड़िए, बड़ी बातों के लिए गुस्सा रखिए। किसी सिस्टम को बदलने के लिए, सार्थक कार्य के लिए, #सकारात्मक गुस्सा आगे बढ़ने के लिए बहुत आवश्यक है। ऐसा गुस्सा जिसमें #समृद्धि और सफलता का सृजन होता है, उसकी जगह हम छोटे-छोटे गुस्से में अपना समय जाया करते हैं। कभी परिवार में छोटी छोटी बातों पर  गुस्सा, दादाजी अखबार नहीं पढ़ पाए इसलिए गुस्सा, मनपसंद खाना नहीं बनने पर गुस्सा, घूमने नहीं जा पाए तो गुस्सा, बच्चों के रिजल्ट पर गुस्सा, कभी किसी सब्जी वाले, ठेले वाले या सामान खरीदते समय ज्यादा पैसे लेने पर गुस्सा, जाम में फंसे होने पर गुस्सा, पार्किंग की जगह नहीं मिली तो गुस्सा, कभी किसी संस्था में लड़ाई तो गुस्सा, कभी पड़ोसियों से अपार्टमेंट में रहने वालों से, छोटे छोटे मसलों पर वाद विवाद, यहां तक कि घरवालों या पति पत्नि की आपसी सही बात पर भी गुस्सा, उफ्फ!!। इन सभी चिल्लर गुस्से को नजरअंदाज करना सीखिए, अगर कुछ अच्छा व बड़ा करना चाहते हैं। हर समय मुंह फुलाए, भृकुटि ताने घूमने में कहां की समझदारी है। (मुंह फुलाने का गुण, भारतीय समाज में बच्चे से लेकर वृद्धावस्था तक, महिला, पुरुष सभी में समान रूप से विद्यमान है) इससे आप अपनी इमेज के साथ #स्वास्थ्य ही खराब करते हैं, और हासिल कुछ नहीं होता। कई लोग तो इसे #शान भी समझते हैं, कि मेरा गुस्सा बहुत तेज है। अरे भाई! इस गुस्से का क्या फायदा, क्या कुछ हासिल कर लिया आपने। कमजोर पर तो सभी गुस्सा करते हैं। वैसे भी सबसे #आसान काम है, कुछ काम मत करो बस #मुंह फुला कर गुस्सा कर लो। अगर कुछ हासिल करना ही है तो इस गुस्से की #एनर्जी को सही काम में उपयोग कीजिए। किसी को पीट देना, कमियां निकालना, गाली गलौज कर देना, कहां की समझदारी है? यह गुस्सा नहीं सच में तो आपकी नाकामी या आपकी कमजोरी है। अगर वास्तव में कुछ करना ही चाहते हैं तो गुस्से की #एनर्जी को किसी सार्थक काम में लगाइए, बड़ा गुस्सा पालिए, गुस्सा बुरा नहीं है, छोटी चीजों और मुद्दों पर गुस्सा बुरा है। गुस्सा एक #शक्ति है, जिसके सही इस्तेमाल से अथाह समृद्धि और सफलता पाई जा सकती है। एक बड़ा लक्ष्य चुनिए, और गुस्से की उस ताकत को झौंक दीजिए उद्देश्य प्राप्ति के लिए, और गुस्से के दम पर उस लक्ष्य को हासिल कीजिए। गुस्से की ताकत को भी पहचानिए, आपने कभी नोटिस किया है कि प्यार में हम एक हलकी चपत देते हैं, लेकिन जब गुस्से में होते हैं तो कितना बुरी तरह से पीट देते हैं। गुस्से की ताकत को #नियंत्रित कर किसी उद्देश्य पूर्ण कार्य में लगा दीजिए। सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होगी।
आपके अपार्टमेंट में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य है, आप हर समय गुस्सा होते रहते हैं कोई समाधान नहीं निकलता और इस स्थिति को देखकर नाक भौं सिकोड़ते रहते हैं। कभी चौकीदार पर गुस्सा, तो कभी अपार्टमेंट में रहने वाले साथियों पर, कभी तकदीर को कोसना, मैं कहां फंस गया। गुस्सा होना किसी समस्या का हल नहीं है। एक वाकया बताती हूं, आए दिन गंदगी से परेशान, कचरे की समस्या को लेकर, हमने सभी पड़ोसी साथियों से मिलकर इस समस्या को साझा किया, एक सिस्टम तैयार किया, कि सभी को मिलकर कचरा यहां (एक निश्चित जगह) पर डालना है, और धीरे धीरे व्यवस्था बैठने लगी, सब उस पर अमल करने लगे। हालांकि सब कुछ तुरंत नहीं होता, हथेली पर सरसों नहीं उगाई जाती, इसलिए थोड़ा धीरज भी रखना होगा। साथ वालों को भी पता होना चाहिए कि आपका गुस्सा जायज है। अब किसीको भी गुस्सा नहीं आता, यह है गुस्से की एनर्जी को किसी सार्थक सोच में बदलने का परिणाम। आप अपनी एनर्जी को गुस्से में गंवाने की जगह, सबकी बेहतरी के लिए किसी सार्थक कार्य में लगा दें।

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