शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

पेरेंटिंग,

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बच्चों,Learn to say #No,without explaining yourself.  _____
#हमेशा याद रखिए, #हां कहने की अपेक्षा #नहीं कहना ज्यादा #मुश्किल कार्य है। थोड़ा #निडर बनिए। यदि आप किसी कार्य के लिए ना कहते हैं, तो हो सकता है आपको आलोचना, उपेक्षा या अपमान सहना पड़े। लेकिन भविष्य में होने वाले बुरे परिणामों से ऐसी आलोचना या अपमान ही ज्यादा अच्छा है। केवल इस वजह से हां मत करिए, कि वह आपका मित्र, प्रियजन है। दूसरों को खुश करने के चक्कर में आप अपने निजी जीवन की #जिम्मेदारियों, कैरियर सबको #दांव पर लगा देते हैं। इस तरह हर बात पर सहमत हो कर आप अपनी पहचान ही नहीं, आत्म विश्वास भी कम करते हैं। अपनी #आत्मसम्मान बनाए रखिए। लेकिन कई बार, आप सही #मायने में #मनुष्य होते हो। हां ऐसे ही हो तुम सब। दूसरों को दुख ना पहुंचे, कोई नाराज ना हो जाए, इस चक्कर में किसी को भी #ना नहीं बोल पाते हो। कुछ लोग क्या, अधिकतर लोग तुम्हारे इस व्यवहार का फायदा भी उठाते हैं। किसी की भी आलोचना नहीं करते, हालांकि कुछ कहना भी हो तो मीठा मीठा ही बोलोगे, या फिर एक लम्बी चुप्पी। नतीजा.... सब आपके ऊपर हावी ही नहीं होते, अपितु आपके निजी जीवन में भी कड़वाहट भर देते हैं। मैं कई बार खूब गुस्सा भी होती हूं, हमेशा दूसरों की परवाह, कभी अपने लिए भी जीना सीखो। सबको एक ही जिंदगी मिली है, कभी सच भी बोल दो, कड़वा लगता है तो लगे, किसीको कुछ फर्क नहीं पड़ता। सब मतलबी दुनिया के वाशिंदे हैं, पर नहीं तुमको तो सबके दिल दुखने की चिंता है। काश!!! तुम बच्चों जैसा ही #सब समझ पाते, निर्मल रह सकते। साहस के साथ सत्य कहो उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं इस ओर ध्यान मत दो।

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