मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

कृतज्ञता व्यक्त करना सीखिए

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Be thankfull, smile & say thank u----------
कृपया, प्लीज़, धन्यवाद,सॉरी, माई प्लैजर, मुझे खेद है या खुशी हुई  आदि छोटे छोटे शब्द हमारी बातचीत में गरिमा,शालीनता, आकर्षण व स्थायित्व प्रदान करते हैं। विनम्रता का पुट देते हैं। भाषा आपकी कोई भी हो सकती  है। कहने का अपना कोई अलग अंदाज हो सकता है।
प्रतिदिन कहे जाने वाले ये छोटे से शब्द आप में कृतज्ञता की भावना पैदा करते हैं।जिससे अवसाद भी कम होता है।
इस तरह के लोगों में कठिन परिस्थितियों तथा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता ज्यादा होती है। उनका सोचने का नजरिया पहले से ज्यादा आशावादी ही जाता है। आशावादी दृष्टिकोण अपनाने से मानसिक तथा शारीरिक रूप से भी व्यक्ति स्वस्थ रहता है। किसी के प्रति आभार जताना आपको हैल्थी लाइफ स्टाइल की ओर प्रेरित करता है।धन्यवाद कहने की आदत आपके लिए एक प्रभावशाली टॉनिक साबित हो सकती है।
धन्यवाद या थैंक्यू कहने में हम् सबसे ज्यादा कंजूसी करते हैं।*हम कहना चाहते हुए भी अभ्यास न होने के कारण इन शब्दों को बोल ही नहीं पाते*। कुछ लोगों का मानना है हमने काम कराया उसका पैसा दिया फिर धन्यवाद या थैंक्यू की क्या आवश्यकता।*लेकिन धन्यवाद बिना पैसे की वह सौगात है जो देने और पाने वाले दोनों को अंदर तक गदगद कर देती है।* इस तरह का व्यवहार आपकी लोकप्रियता को  तो बढ़ाता ही है, आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है, सन्तुष्टि का भाव रहेगा।
धन्यवाद कहने से आपके सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आती हैै, तथा खुशी का स्तर बढ़ता है।
यह शब्द  उन लोगों के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है *जो अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने व्यक्त करने में संकोच या कठिनाई महसूस करते हैं।* ऐसा करने से मन मे उत्पन्न  नकारात्मक विचारों से भी छुटकारा मिलने  में कुछ मदद हो सकती है। और कुछ हो न हो मन को सन्तुष्टि का अहसास तो होता ही है।
विनम्रता से अहंकार नहीं होता व्यक्ति झुकना सीखता है। जिससे जीवन मे रंग भरता है, प्रसन्नता महसूस होती है। जिस किसी से भी आप को जो मिला है, उसके प्रति कृतज्ञता का बोध होने पर  आप अपने मन मे उन सब के लिए धन्यवाद, शुक्रगुजार होंगे।
`Mercy is twice blessed' की तरह धन्यवाद भी देने और पाने वाले दोनों को अंदर तक गुदगुदा देता है। हमारे धन्यवाद (शुक्रगुजार होने का तरीका) कह देने मात्र से सामने वाले की थकावट दूर हो जाती है, वह अपने आप को सम्मानित महसूस करता है कि आपने उसको  सम्मान, तवज्जो दी। साथ ही स्वयं आपको भी संतोष मिलेगा, अच्छा लगेगा।
पर अंत में एक विशेष बात *यह सब कुछ #दिल की गहराइयों से होना चाहिए, ऐसा न हो कि बस किसी अपना काम निकलवाया या अपना उल्लू सीधा किया और टिका दिया `थैंक्यू'। इस तरह की हरकतों से इन शब्दों का कोई औचित्य नहीं रह जाता।बस एक *बिज़निस डील*बन कर रह जाते हैं। इन शब्दों के दिल के साथ प्रयोग से आपके व्यक्तित्व में निखार आता है।और #दिखावटी लोगों का व्यक्तित्व  कभी आकर्षक तथा टिकाऊ यानि मन  में छाप छोड़ने वाला तो नहीं हो सकता।
So,Say thanks heartily.

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